तारोँ मेँ अकेला चाँद जगमगाता है

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तारोँ मेँ अकेला चाँद जगमगाता है, मुस्किलोँ मेँ अकेला इंसान डगमगाता हैँ, काँटो से मत घबराना मेरे दोस्त, क्युँकी काँटो मे ही एक गुलाब मुस्कुराता है ।

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