तारोँ मेँ अकेला चाँद जगमगाता है SHARE FacebookTwitter तारोँ मेँ अकेला चाँद जगमगाता है, मुस्किलोँ मेँ अकेला इंसान डगमगाता हैँ, काँटो से मत घबराना मेरे दोस्त, क्युँकी काँटो मे ही एक गुलाब मुस्कुराता है । SHARE FacebookTwitter
Teri dosti ki tarif juban pe aane lagi, tumse dosti ki or zindagi muskurane la.......Read Full Message