दोस्ती नाम नहीं सिर्फ़ दोस्तों के साथ रहने का

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दोस्ती नाम नहीं सिर्फ़ दोस्तों के साथ रहने का, बल्कि दोस्त ही जिन्दगी बन जाते हैं, जरुरत नहीं पडती, दोस्त की तस्वीर की, देखो जो आईना तो दोस्त नज़र आते हैं, ये तो बहाना है कि मिल नहीं पाये दोस्तों से आज, दिल पे हाथ रखते ही एहसास उनके हो जाते हैं, नाम की तो जरूरत ही नहीं पडती इस रिश्ते में कभी, पूछे नाम अपना तो दोस्तॊं का बताते हैं, कौन कहता है कि दोस्त हो सकते हैं जुदा कभी, दूर रह्कर भी दोस्त, बिल्कुल करीब नज़र आते हैं सिर्फ़ भ्रम है कि दोस्त होते हैं अलग-अलग, दर्द हो इनको ओर, आंसू हमारे आते हैं, माना इश्क है खुदा, प्यार करने वालों के लिये, पर हम तो दोस्ती में अपना सिर झुकाते हैं, ओर एक ही दवा है गम की दुनिया में क्युकि, भूल के सारे गम, दोस्तों के साथ मुस्कुराते हैं...

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