ऐं दोस्त तेरें तो हजारों रूप हैं SHARE FacebookTwitter ऐं दोस्त तेरें तो हजारों रूप हैं. मै तो समझ नहीं पाया तुझे, बस इतना पता हैं की तू जैसा भी हैं बहुत खूब हैं| SHARE FacebookTwitter