नदी की धार के विपरीत जा कर देखिये SHARE FacebookTwitter नदी की धार के विपरीत जा कर देखिये; ज़िंदगी को कभी आज़मा कर तो देखिये; आँधियाँ खुद ब खुद मोड़ लेंगी अपना रास्ता; आँधियों में कभी दीपक जलाकर तो देखिये।More SHARE FacebookTwitter
हर एक महान सपने की शुरुआत एक स्वप्नद्रष्टा से होती है। हमेशा याद रखिये, आपके अन्दर व.......Read Full Message