आँधियों को ज़िद्द है जहाँ बिजलियाँ गिराने की

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आँधियों को ज़िद्द है जहाँ बिजलियाँ गिराने की;
मुझे भी ज़िद्द है वही आशियाँ बसाने की;
हिम्मत और हौंसले बुलंद हैं, खड़ा हूँ अभी गिरा नहीं हूँ;
अभी जंग बाकी है और मैं भी अभी हारा नहीं हूँ।

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