______जीत पक्की है_______*
कुछ करना है, तो डटकर चल।
*थोड़ा दुनियां से हटकर चल*।
लीक पर तो सभी चल लेते है,
*कभी इतिहास को पलटकर चल*।
बिना काम के मुकाम कैसा?
*बिना मेहनत के, दाम कैसा*?
जब तक ना हाँसिल हो मंज़िल
*तो राह में, राही आराम कैसा*?
अर्जुन सा, निशाना रख,
मन में, ना कोई बहाना रख*।
जो लक्ष्य सामने है,
*बस उसी पे अपना ठिकाना रख।*
सोच मत, साकार कर,
*अपने कर्मो से प्यार कर।*
मिलेंगा तेरी मेहनत का फल,
*किसी और का ना इंतज़ार कर...