ऐ-जिंदगी तू खेलती बहुत है खुशियों से SHARE FacebookTwitter ऐ-जिंदगी तू खेलती बहुत है खुशियों से, हम भी इरादे के पक्के हैं मुस्कुराना नहीं छोडेंगे! SHARE FacebookTwitter