जो तो प्रेम खेलन का चाव SHARE FacebookTwitter जो तो प्रेम खेलन का चाव; सिर धर तली गली मेरी आओ। कलगीधर पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के गुरपुरब की मंगल कामनाएं!More SHARE FacebookTwitter
वाहो वाहो गोबिंद सिंह आप गुर चेला! धन गुरु तेग बहादुर साहिब जी ते माता गुज़री जी दे लाल,.......Read Full Message
पिता जिसका था हिन्द की चादर; आप बना वो रक्षक निमानों का; खिड़े माथे जिसने सरबंस वार दिया; वो है गुरु बलिदानियों का; जिसका जीवन था देश और कौम के नाम; यह है साका उसकी कुर्बानियों.......Read Full Message
देह शिवा वर मोहि इहै; शुभ करमन पे कबहूँ ना टरों; ना डरो अर सो जब जाये लरों; नि.......Read Full Message