कम्बल और रजाई को अब कर दो माफ़

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कम्बल और रजाई को अब कर दो माफ़,
कूलर और ए. सी. को अब कर लो साफ़,
पसीना छूटेगा अब दिन और रात,
दोनों वक़्त नहाने से ही अब बनेगी बात,
अपनी नेचर में रखना नरमी,
मेरी तरफ से आप सब को हैप्पी गरमी!

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