मेरा ख़याल ज़ेहन से मिटा भी न सकोगेमेरा ख़याल ज़ेहन से मिटा भी न सकोगेएक बार जो तुम मेरे गम से मिलोगे;तो सारी उम्र मुस्करा न सकोगे
मेरा ख़याल ज़ेहन से मिटा भी न सकोगेमेरा ख़याल ज़ेहन से मिटा भी न सकोगेएक बार जो तुम मेरे गम से मिलोगेतो सारी उम्र मुस्करा न सकोगे
इश्क की बहुत सारी उधारियां हैइश्क की बहुत सारी उधारियां है, तुम परचुकाने की बात करो तो, कुछ किश्तें तय कर लें