ये शमा मेहमान है दो घडी कीये शमा मेहमान है दो घडी कीशमा बुझ जायेगी तुमसे जुदा होने के बादकुछ भी कह लो हक़ है तुम्हेंबस अब मर जायेंगे तुमसे जुदा होने के बाद
तुम बिन ज़िंदगी सूनी सी लगती हैतुम बिन ज़िंदगी सूनी सी लगती हैहर पल अधूरी सी लगती हैअब तो इन साँसों को अपनी साँसों से जोड़ देक्योंकि अब यह ज़िंदगी कुछ पल की मेहमान सी लगती है