बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जानेबरसात का बादल तो दीवाना है क्या जानेकिस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
इन आँखों से दिन रातइन आँखों से दिन रात..इन आँखों से दिन रात बरसात होगीअगर ज़िंदगी सर्फ-ए-जज़्बात होगीमुसाफ़िर हो तुम भी मुसाफ़िर हैं हम भीकिसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगीसदाओं की अल्फ़ाज़ मिलने ना पायेंना बादल घेरेंगे ना बरसात होगीचिरागों को आँखों मे महफूज रखनाबड़ी दूर तक रात ही रात होगीअजल-ता-अब्द तक सफर हीं सफर हैकहीं सुबह होगी कहीं रात होगी
कैसी बीती रात किसी से मत कहनाकैसी बीती रात किसी से मत कहनासपनों वाली बात किसी से मत कहनाकैसे उठे बादल और कहां जाकर टकराएकैसी हुई बरसात किसी से मत कहना
इश्क़ वाले आँखों की बात समझ लेते हैंइश्क़ वाले आँखों की बात समझ लेते हैंसपनों में मिल जाए तो मुलाक़ात समझ लेते हैंरोता तो आसमान भी है अपने बिछड़े प्यार के लिएफिर पता नहीं लोग क्यों उसे बरसात समझ लेते है
चुपचाप गुज़ार देगें तेरे बिना भी ये ज़िन्दगीचुपचाप गुज़ार देगें तेरे बिना भी ये ज़िन्दगीलोगो को सिखा देगें मोहब्बत ऐसे भी होती है।
सिर्फ देख के किसी को दिल की बात नहीं होतीसिर्फ देख के किसी को दिल की बात नहीं होतीमुलाकात हो फिर भी कभी बरसात नहीं होतीजानते है तुम कभी हमारे ना हो पाओगेफिर भी इस दिल में कभी रात नहीं होती