प्यास वो दिल कीप्यास वो दिल की..प्यास वो दिल की बुझाने कभी आया भी नहींकैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहींबेरुख़ी इस से बड़ी और भला क्या होगीएक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहींरोज़ आता है दर-ए-दिल पे वो दस्तक देनेआज तक हमने जिसे पास बुलाया भी नहींसुन लिया कैसे ख़ुदा जाने ज़माने भर नेवो फ़साना जो कभी हमने सुनाया भी नहींतुम तो शायर हो क़तील और वो इक आम सा शख़्सउस ने चाहा भी तुझे और जताया भी नहीं
प्यास वो दिल कीप्यास वो दिल की..प्यास वो दिल की बुझाने कभी आया भी नहींकैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहींबेरुख़ी इस से बड़ी और भला क्या होगीएक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहींरोज़ आता है दर-ए-दिल पे वो दस्तक देनेआज तक हमने जिसे पास बुलाया भी नहींसुन लिया कैसे ख़ुदा जाने ज़माने भर नेवो फ़साना जो कभी हमने सुनाया भी नहींतुम तो शायर हो क़तील और वो इक आम सा शख़्सउस ने चाहा भी तुझे और जताया भी नहीं
प्यास वो दिल कीप्यास वो दिल की..प्यास वो दिल की बुझाने कभी आया भी नहींकैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहींबेरुख़ी इससे बड़ी और भला क्या होगीएक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहींरोज़ आता है दर-ए-दिल पे वो दस्तक देनेआज तक हमने जिसे पास बुलाया भी नहींसुन लिया कैसे ख़ुदा जाने ज़माने भर ने.वो फ़साना जो कभी हमने सुनाया भी नहींतुम तो शायर हो "क़तील" और वो इक आम सा शख़्स.उसने चाहा भी तुझे और जताया भी नहीं
प्यास वो दिल की बुझाने कभी आया भी नहींप्यास वो दिल की बुझाने कभी आया भी नहींकैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहींबेरुख़ी इससे बड़ी और भला क्या होगीएक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं