दिलों में आग लबों पर गुलाब रखते हैंदिलों में आग लबों पर गुलाब रखते हैंसब अपने चेहरों पे दोहरी नका़ब रखते हैंहमें चराग समझ कर बुझा न पाओगेहम अपने घर में कई आफ़ताब रखते हैंबहुत से लोग कि जो हर्फ़-आश्ना भी नहींइसी में खुश हैं कि तेरी किताब रखते हैंये मैकदा है, वो मस्जिद है, वो है बुत-खानाकहीं भी जाओ फ़रिश्ते हिसाब रखते हैंहमारे शहर के मंजर न देख पायेंगेयहाँ के लोग तो आँखों में ख्वाब रखते हैं
वो खिलते हुए गुलाब सा हैवो खिलते हुए गुलाब सा है, कि उस का किरदार आब सा हैकोई मुस्सवर जो देखे उस को यही कहे लाजवाब सा हैहया की ज़िंदा मिसाल है वो, मगर यह कमबख्त पर्दा देखोदेखने से रोकता है इस हुस्न को, चेहरे पर यह जो नक़ाब सा है
गुलाब तो टूट कर बिखर जाता हैगुलाब तो टूट कर बिखर जाता हैपर खुशबु हवा में बरकरार रहती हैजाने वाले तो छोड़ के चले जाते हैंपर एहसास तो दिलों में बरकरार रहते हैं
दिल की किताब में गुलाब उनका थादिल की किताब में गुलाब उनका थारात की नींदों में ख्वाब उनका थाकितना प्यार करते हो जब हमने पूछामर जायेंगे तुम्हारे बिना यह जवाब उनका था
दिल की किताब में गुलाब उनका थादिल की किताब में गुलाब उनका थारात की नींद में एक ख्वाब उनका थाहै कितना प्यार हमसे जब यह हमने पूछ लियामर जायेंगे बिन तेरे यह जवाब उनका था
मैं तोड़ लेता अगर तू गुलाब होतीमैं तोड़ लेता अगर तू गुलाब होतीमैं जवाब बनता अगर तू सवाल होतीसब जानते है मैं शरब नहीं पीतामगर मैं भी पी लेता अगर तू शराब होती