वफ़ा में अब यह हुनर इख़्तियार करना हैवफ़ा में अब यह हुनर इख़्तियार करना हैवो सच कहें या ना कहें बस ऐतबार करना हैयह तुझको जागते रहने का शौंक कबसे हो गयामुझे तो खैर बस तेरा इंतज़ार करना है
प्यार करने का हुनर हमें आता नहींप्यार करने का हुनर हमें आता नहींइसीलिए हम प्यार की बाज़ी हार गएहमारी ज़िन्दगी से उन्हें बहुत प्यार थाशायद इसीलिए वो हमें ज़िंदा ही मार गए
हुनर अब आ गया मुझको वफाओं को परखने काहुनर अब आ गया मुझको वफाओं को परखने का.दिखावे की हर एक चाहत मैं वापिस मोड़ देता हूँ।
कहाँ से लाऊँ हुनर उसे मनाने काकहाँ से लाऊँ हुनर उसे मनाने काकोई जवाब नहीं था उसके रूठ जाने कामोहब्बत में सजा मुझे ही मिलनी थीक्योंकि जुर्म मेरा था उनसे दिल लगाने का
जाने उस शक्स को कैसा ये हुनर आता हैजाने उस शक्स को कैसा ये हुनर आता हैरात होती है तो आँख में उतर आता हैमैं उसके ख्याल से निकलूं तो कहाँ जाऊंवो मेरी सोच के हर रास्ते पर नज़र आता है
इक हुनर है जो कर गया हूँ मैंइक हुनर है जो कर गया हूँ मैंसब के दिल से उतर गया हूँ मैंकैसे अपनी हँसी को ज़ब्त करूँसुन रहा हूँ कि घिर गया हूँ मैं