ग़म में हँसने वालों को कभी रुलाया नहीं जाताग़म में हँसने वालों को कभी रुलाया नहीं जातालहरों से पानी को हटाया नहीं जाताहोने वाले हो जाते हैं खुद ही दिल से जुदाकिसी को जबर्दस्ती दिल में बसाया नहीं जाता
वो जज़्बों की तिजारत थीवो जज़्बों की तिजारत थी, यह दिल कुछ और समझा थाउसे हँसने की आदत थी, यह दिल कुछ और समझा थामुझे देख कर अक्सर वो निगाहें फेर लेते थेवो दर-ए-पर्दा हकारत थी, यह दिल कुछ और समझा थाशब्दार्हकारत = नफर