वक्त नूर को बेनूर कर देता हैवक्त नूर को बेनूर कर देता हैछोटे से जख्म को नासूर कर देता हैकौन चाहता है अपनों से दूर होनालेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है
वक्त इशारा देता रहा हम इत्तेफाक़ समझते रहेवक्त इशारा देता रहा हम इत्तेफाक़ समझते रहेबस यु ही धोखे खाते रहे ओर इस्तेमाल होते रहे
वक्त कहता है कि फिर नहीं आऊंगावक्त कहता है कि फिर नहीं आऊंगातेरी आँखों को अब न रुलाऊंगाजीना है तो इस पल को जी लेशायद मैं कल तक न रुक पाऊंगा