ये शमा मेहमान है दो घडी कीये शमा मेहमान है दो घडी कीशमा बुझ जायेगी तुमसे जुदा होने के बादकुछ भी कह लो हक़ है तुम्हेंबस अब मर जायेंगे तुमसे जुदा होने के बाद
वोवो, जिनके घर मेहमानों का आना-जाना होता हैउनको घर का हर कमरा हर रोज़ सजाना होता हैजिस देहरी की क़िस्मत में स्वागत या वंदनवार न होंउस चौखट के भीतर केवल इक तहख़ाना होता है