मतलबी दुनिया के लोग खड़े हैं हाथों में पत्थर लेकरमतलबी दुनिया के लोग खड़े हैं हाथों में पत्थर लेकरमैं कहाँ तक भागूं शीशे का मुक़द्दर लेकर