ऐसा नहीं कि आप हमें याद नहीं आतेऐसा नहीं कि आप हमें याद नहीं आतेमाना कि जहाँ के सब रिश्ते निभाये नहीं जातेपर जो बस जाते हैं दिल में वो भुलाए नहीं जातेबेवफाओं से हर तरह के रिश्ते निभाये नहीं जाते
जनाजा मेरा उठ रहा थाजनाजा मेरा उठ रहा थाफिर भी तकलीफ थी उसे आने मेंबेवफा घर में बैठी पूछ रही थीऔर कितनी देर है दफनाने में