वो तो बारिश कि बूँदें देखकर खुश होते हैंवो तो बारिश कि बूँदें देखकर खुश होते हैंउन्हें क्या मालूम कि हर गिरने वाला कतरा पानी नही होता
मोहब्बत तो वो बारिश हैमोहब्बत तो वो बारिश है, जिसे छूने की चाहत मेंहथेलियां तो गीली हो जाती हैं, पर हाथ खाली ही रह जाते हैं
बारिश में रख दो इस जिंदगी के पन्नों कोबारिश में रख दो इस जिंदगी के पन्नों को, ताकि धुल जाए स्याहीज़िन्दगी फिर से लिखने का मन करता है कभी - कभी
हम ख़ास तो नहीं मगर बारिश की उन कतरों की तरह अनमोल हैंहम ख़ास तो नहीं मगर बारिश की उन कतरों की तरह अनमोल हैंजो मिट्टी में समां जायें तो फिर कभी नहीं मिला करते
यूँ तो कई बार भीगे बारिश मेंयूँ तो कई बार भीगे बारिश मेंमगर ख्यालों का आँगन सूखा ही रहाजब आँखों की दीवारें गीली हुई उसकी यादो सेतब ही जाना हम ने बारिश क्या होती है
मोहब्बत तो वो बारिश हैमोहब्बत तो वो बारिश है, जिसे छूने की चाहत मेंहथेलियां तो गीली हो जाती हैं, पर हाथ खाली ही रह जाते हैं