कोई कैसा हम सफर हैकोई कैसा हम सफर है..कोई कैसा हम सफर है, ये अभी से मत बताओअभी क्या पता किसी का, कि चली नहीं है नावये ज़रूरी तो नहीं है, कि सदा रहे मरासिमये सफर की दोस्ती है, इसे रोग मत बनाओमेरे चारागर बहुत हैं, ये खलिश मगर है दिल मेंकोई ऐसा हो कि, जिस को हों अज़ीज़ मेरे घावतुम्हें आईना गिरी में है, बहुत कमाल हासिलमेरा दिल है किरच किरच, इसे जोड़ के दिखाओमुझे क्या पड़ी है 'साजिद', के पराई आग मांगूमैं ग़ज़ल का आदमी हूँ, मेरे अपने हैं अलाव