ऐसे माहौल में दवा क्या है दुआ क्या हैऐसे माहौल में दवा क्या है दुआ क्या है;जहां कातिल ही खुद पूछे कि हुआ क्या है
ज़रूरी काम है लेकिनज़रूरी काम है लेकिन..ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँमुझे तुम से मोहब्बत है जताना भूल जाता हूँतेरी गलियों में फिरना इतना अच्छा लगता हैमैं रास्ता याद रखता हूँ ठिकाना भूल जाता हूँबस इतनी बात पर मैं लोगों को अच्छा नही लगतामैं काम तो कर तो देता हूँ पर बताना भूल जाता हूँशरारत ले के आंखो में वो तेरा देखना तौबामैं तेरी नज़रो पे जमी नज़रे झुकाना भूल जाता हूँमोहब्बत कब हुई कैसे हुई सब याद है मुझकोमैं कर के मोहब्बत को भुलाना भूल जाता हूँ।
मैं उनकी आँखो कीमैं उनकी आँखो की..मैं उनकी आँखो की छलकी शराब पीता हूँगरीब हो के भी मँहगी शराब पीता हूँमुझे नशे में वो बहकने नहीं देताउसे पता है मैं कितनी शराब पीता हूँपुराने चाहने वालों की याद सताती है मुझेइसी लिए मैँ पुरानी शराब पीता हूँ।
पत्नी बोलीपत्नी बोली..क्यों जी, दीपावली का सारा सामान आप लायेपर पटाखा एक भी न लायेमैंने कहा, तुम किस पटाखे से कम होसच कहूँ तो समूचा डायनामाइट बम होअपनी गलती हमेशा मुझ पर जड़ती होसफाई में जब भी मैं कुछ कहूँ मुझ पर फट पड़ती हो
रात के टुकड़ों पेरात के टुकड़ों पे..रात के टुकड़ों पे पलना छोड़ देशमा से कहना कि जलना छोड़ देमुश्किलें तो हर सफ़र का हुस्न हैंकैसे कोई राह चलना छोड़ देतुझसे उम्मीदे - वफ़ा बेकार हैकैसे इक मौसम बदलना छोड़ देमैं तो ये हिम्मत दिखा पाया नहींतू ही मेरे साथ चलना छोड़ देकुछ तो कर आदाबे - महफ़िल का लिहाज़यार ये पहलू बदलना छोड़ दे
निकले जब आँसू उसकी आँखो सेनिकले जब आँसू उसकी आँखो सेदिल करता है सारी दुनिया जला दूंफिर सोचता हूं होंगे दुनिया में उसके भी अपनेकहीं अंजाने में मैं उसे और ना रुला दूं