तारीफ के काबिल हम कहाँतारीफ के काबिल हम कहाँचर्चा तो आपकी चलती हैसब कुछ तो है आपके पासबस सींग और पूंछ की कमी खलती है
लफ़्ज़ों में कैसे तारीफ करूँलफ़्ज़ों में कैसे तारीफ करूँलफ़्ज़ों में आप कैसे समा पाओगेजब भी पूछेंगे कभी लोग आपके बारे मेंहमारी आँखों में देख कर वो सब जान जायेंगे