कोई उस शहर मेंकोई उस शहर में..कोई उस शहर में कब था उसकाउसे यह ज़ो'म कि रब था उसकाउसकी रग-रग में उतरती रही आगउसके अंदर ही ग़ज़ब था उसकावही सिलसिला-ए-तार-ए-नफ़सवही जीने का सबब था उसकासिद्क़-जदा था वो शहज़ादा कमालबस यही नाम-ओ-नसब था उसकाTranslationज़ो'म= गर्सिद्क़= स
उसके साथ जीने का इक मौका दे देउसके साथ जीने का इक मौका दे दे, ऐ खुदा;.तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे
उनके साथ जीने का एक मौका दे देउनके साथ जीने का एक मौका दे दे, ऐ खुदा;तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे
ज़रूरी नहीं कि जीने का कोई सहारा होज़रूरी नहीं कि जीने का कोई सहारा होज़रूरी नहीं कि जिसके हम हों वो भी हमारा होकुछ कश्तियाँ डूब जाया करती हैंज़रूरी नहीं कि हर कश्ती के नसीब में किनारा हो
कितना और बदलूँ खुद कोकितना और बदलूँ खुद को, जीने के लिए ऐ ज़िन्दगीमुझमें थोडा सा तो मुझको बाकी रहने दे
मर्ज़ी से जीने की बस ख्वाहिश की थी मैंनेमर्ज़ी से जीने की बस ख्वाहिश की थी मैंनेऔर वो कहते हैं कि खुदगर्ज़ बन गए हो तुम