ये मामला भी कैसा अजीब हैये मामला भी कैसा अजीब हैतू दूर होकर भी मेरे करीब हैख्वाहिश मिटा तू अपने दिल से उसे पाने कीक्योंकि जो लड़का तुझे पसंद है वो खानदानी गरीब है
जिन के आंगन में अमीरी का शजर लगता हैजिन के आंगन में अमीरी का शजर लगता है;उन का हर एब भी जमानें को हुनर लगता है
बचपन की वो अमीरी न जाने कहाँ खो गयीबचपन की वो अमीरी न जाने कहाँ खो गयीजब बारिश के पानी में, हमारे भी जहाज तैरा करते थे
कहीं बेहतर है तेरी अमीरी से मुफलिसी मेरीकहीं बेहतर है तेरी अमीरी से मुफलिसी मेरीचंद सिक्कों के लिए तुने क्या नहीं खोया है;माना नहीं है मखमल का बिछोना मेरे पासपर तु ये बता, कितनी राते चैन से सोया है