मेरी फितरत मे नही है किसी से नाराज होनामेरी फितरत मे नही है किसी से नाराज होनानाराज वो होते है जिनको अपने आप पर गुरुर होता है
निकले थे इसी आस पे कि किसी को अपना बना लेंगेनिकले थे इसी आस पे कि किसी को अपना बना लेंगेएक ख्वाहिश ने उम्र भर का मुसाफिर बना दिया
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िलकिसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िलकोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा