उस की आँखों को कभी गौर से देखा है फ़राज़उस की आँखों को कभी गौर से देखा है फ़राज़रोने वालों की तरह और जागने वालों जैसी है
ये देखा है हमने खुद को आज़माकरये देखा है हमने खुद को आज़माकरधोखा देते हैं लोग करीब आकरकहती है दुनिया पर दिल नहीं मानताकि छोड़ जाओगे तुम भी एक दिन अपना बनाकार
मुस्कुरा के देखा तो कलेजे में चुभ गयीमुस्कुरा के देखा तो कलेजे में चुभ गयीखँजर से भी तेज़ लगती हैं आँखें जनाब की..
उनको सोते हुए देखा था दमे-सुबह कभीउनको सोते हुए देखा था दमे-सुबह कभीक्या बताऊं जो इन आंखों ने समां देखा था
आँखों में रहा दिल में उतर कर ना देखाआँखों में रहा दिल में उतर कर ना देखाकश्ती के मुसाफिर ने समंदर ना देखापत्थर मुझे कहता है मुझे चाहने वालामैं मोम हूँ उसने मुझे छु कर ना देखा