मैं उनकी आँखो कीमैं उनकी आँखो की..मैं उनकी आँखो की छलकी शराब पीता हूँगरीब हो के भी मँहगी शराब पीता हूँमुझे नशे में वो बहकने नहीं देताउसे पता है मैं कितनी शराब पीता हूँपुराने चाहने वालों की याद सताती है मुझेइसी लिए मैँ पुरानी शराब पीता हूँ।
निकले जब आँसू उसकी आँखो सेनिकले जब आँसू उसकी आँखो सेदिल करता है सारी दुनिया जला दूंफिर सोचता हूं होंगे दुनिया में उसके भी अपनेकहीं अंजाने में मैं उसे और ना रुला दूं
रोती हुई आँखो मे इंतेज़ार होता हैरोती हुई आँखो मे इंतेज़ार होता हैना चाहते हुए भी प्यार होता है;क्यू देखते है हम वो सपने;जिनके टूटने पर भी उनके सच होने;का इंतेज़ार होता है
नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखो मेंनहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखो मेंकाश कि हमने तुम्हें इतने गौर से ना देखा होता