पलट कर भी ना देखो और ना तुम आवाज़ दो मुझ कोपलट कर भी ना देखो और ना तुम आवाज़ दो मुझ कोबड़ी मुश्किल से सीखा है किसी को अलविदा कहना
कैसी अजीब ये तुझसे जुदाई थी कि तुझे अलविदा भी न कह सकाकैसी अजीब ये तुझसे जुदाई थी कि तुझे अलविदा भी न कह सकातेरी सादगी में इतना फ़रेब था कि तुझे बेवफ़ा भी न कह सका
नवंबर की तरह हम भी अलविदा कह देंगें एक दिननवंबर की तरह हम भी अलविदा कह देंगें एक दिनफिर ढूँढते फिरोगे हमें दिसंबर की सर्द रातों में