उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआउस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआअब क्या कहें ये क़िस्सा भी पुराना बहुत हुआ
हर सफर की मंजिल हो ये जरूरी तो नहींहर सफर की मंजिल हो ये जरूरी तो नहींकुछ रास्ते एक मोड़ पर खत्म होते देखे हैं मैंने
मोहब्बत ऐसी थी कि उनको बताई न गयीमोहब्बत ऐसी थी कि उनको बताई न गयीचोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयीचाहते नहीं थे उनसे दूर होना परदूरी इतनी थी कि मिटाई न गयी
उससे बिछड़े तो मालूम हुआ मौत भी कोई चीज़ हैउससे बिछड़े तो मालूम हुआ मौत भी कोई चीज़ हैज़िन्दगी वो थी जो उसकी महफ़िल में गुज़ार आए