आज की रात मेरा दर्द मोहब्बत सुन लेआज की रात मेरा दर्द मोहब्बत सुन लेकप-कपाते हुए होंठों की शिकायत सुन लेआज इज़हारे ख़यालात का मौका दे देहम तेरे शहर में आये हैं, मुसाफिर की तरह
दिल में अरमान बहुत हैंदिल में अरमान बहुत हैंज़िन्दगी में ग़म बहुत हैंकब की मार डालती यह दुनिया हमेंकम्बख्त दोस्तों की दुआओं में दम बहुत हैं
मन में सबको पाने का अरमान नहीं होतामन में सबको पाने का अरमान नहीं होताहर कोई दिल का मेहमान नहीं होतापर जो एक बार बन जाते हैं अपनेफिर उन्हें कभी भुलाना इतना आसान नहीं होता
करते हैं दुआ कामयाबी के शिखर पे आपका नाम होकरते हैं दुआ कामयाबी के शिखर पे आपका नाम होजहाँ जहाँ पड़े कदम आपके, दुनिया का सालाम होसामना मुश्किलों का हिम्मत से करनाकरते हैं दुआ एक दिन वक़्त आपका ग़ुलाम हो।
कुछ लम्हें और उसका साथ चाहता थाकुछ लम्हें और उसका साथ चाहता थाआँखों में थमी वो बरसात चाहता थाजानता हूँ बहुत चाहती थी वो, मगरउसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहता था
उनकी आँखों में काश कोई इशारा तो होताउनकी आँखों में काश कोई इशारा तो होताकुछ मेरे जीने का सहारा तो होतातोड़ देते हम हर रस्म जमाने कीएक बार ही सही उसने पुकारा तो होता