सुबह की हर धूप कुछ याद दिलाती है; हर महकती खुशबू एक जादू जगाती है; कितनी भी व्यस्त क्यों ना हो यह ज़िन्दगी; सुबह सुबह अपनों की याद आ ही जाती है। सुप्रभात!
अच्छे के साथ अच्छे रहो लेकिन बुरे के साथ बुरे नहीं बनो। क्योंकि पानी से गंदगी साफ कर सकते हैं, गंदगी से गंदगी नही। सुप्रभात!
ना किसी के आभाव में जियो, ना किसी के प्रभाव में जियो, ज़िन्दगी आपकी है बस अपने मस्त स्वभाव में जियो। सुप्रभात!
ऐ सूरज मेरे अपनों को यह पैगाम देना; खुशियों का दिन हँसी की शाम देना; जब कोई पढे प्यार से मेरे इस पैगाम को; तो उन को चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान देना। सुप्रभात!
ये दुनिया ठीक वैसी है जैसी हम इसे देखना पसंद करते हैं। यहाँ पर किसी को गुलाबों में काँटे नजर आते हैं तो किसी को काँटों में गुलाब। सुप्रभात!
खिलखिलाती सुबह, ताज़गी से भरा सवेरा है; सुबह की बहारों ने आपके लिए रंग बिखेरा है; सुबह कह रही है जाग जाओ अब नींद से; आपकी मुस्कुराहट के बिना तो सब अधूरा है। सुप्रभात!
बढ़ते कदमो को ना रुकने दे ऐ मुसाफिर; चाहे रास्ता हो कठिन और मंज़िल हो दूर; चाहे ना मिले रास्ते में कोई हमसफ़र; फिर भी झुकना नहीं और पा लेना लक्ष्य को करके बाधाएं सारी दूर। सुप्रभात !