सुबह के फ़ूल खिल गए; पंछी अपने सफ़र पे उड़ गए; सूरज आते ही तारे छुप गए; क्या आप भी मीठी नींद से उठ गए। सुप्रभात!
आपका मुस्कुराना हर रोज़ हो; कभी चेहरा कमल तो कभी रोज हो; 100 पल ख़ुशी, 1000 पल मौज हो; बस ऐसा ही आपका दिन हर रोज़ हो। सुप्रभात!
नए दिन की नई सुबह का नया नया अंदाज़; सारे दिन की झोली में कुछ छुपे हुए हैं राज़; तुझको मुझ को हर किसी को मिलना है कुछ आज; तो आओ यारो ख़ुशी ख़ुशी कर लें दिन का आगाज़। सुप्रभात!
सूरज की पहली किरण ख़ुशी दे आपको; दूसरी किरण हंसी दे आपको; तीसरी किरण तंदरुस्ती और कामयाबी; बस अब ज्यादा नहीं, वरना गर्मी लगेगी आपको। सुप्रभात!
ना मंदिर ना भगवान; ना पूजा ना स्नान; दिन होते ही हमारा सबसे पहला काम; एक प्यारा सा संदेश अपने दोस्तों के नाम। सुप्रभात!
प्यारी सी मीठी सी नींद के बाद; रात के कुछ लम्हो के बाद; सुबह के नए सुनहरे सपनों के साथ; दुनियाँ में कुछ अपनों के साथ; आपको प्यारी सी सुप्रभात। सुप्रभात!
ख़ुदा करे हर रात चाँद बन के आए; दिन का उजाला शान बन के आए; कभी दूर न हो आपके चेहरे से हँसी; नया दिन ऐसा मेहमान बन के आए। सुप्रभात!
सुबह सुबह सूरज का साथ हो; परिंदों की आवाज़ हो; हाथ में चाय और यादों में आप हों; खुश नुमा सुबह की क्या बात हो। सुप्रभात!
ऐ चाँद मेरे दोस्त को एक तोहफ़ा देना; तारों की महफ़िल संग रौशनी करना; छुपा लेना अंधेरों को; हर रात के बाद एक खूबसूरत सवेरा देना। सुप्रभात!
उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको; खिलता हुआ फूल खुश्बू दे आपको; हम तो कुछ भी देने के काबिल नहीं; देने वाला हज़ार ख़ुशियाँ दे आपको। सुप्रभात!
हर सुबह की धुप कुछ याद दिलाती है; हर फूल की खुश्बू एक जादू जगाती है; मानो या ना मानो पर सच है मेरे यार; सुबह होते ही मेरी याद आती है। सुप्रभात!
सुप्रभात का उजाला सदा आपके साथ हो; हर दिन का एक एक-पल आपके लिए कुछ ख़ास हो; दुआ हमेशा निकलती है दिल से आप के लिए; बस खुशियों का खज़ाना आपके पास हो। सुप्रभात!