निकाल लो रजाइयां और निकाल लो कोटियां; "सरसों के साग" संग चलो खाओ मक्की दियां रोटियां; ठंडा पानी भी पीना कर दो बंद; मेरी तरफ से आप सभी को मुबारक हो ठंड। शुभ दिवस।
तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने; तेरे प्यार का हर क़र्ज़ अदा किया हमने; मत सोच कि हम भूल गए है तुझे; आज भी खुदा से पहले याद किया है तुझे। शुभ दिन!
सूरज के बिना सुबह नहीं होती; चाँद के बिना रात नहीं होती; बादल के बिना बरसात नहीं होती; आपकी याद के बिना दिन की शुरुआत नहीं होती। शुभ दिन!
पल-पल चेहरे पर मुस्कान रहे; हर एक गम से आप अनजान रहें; जिसके साथ महक उठे आपकी जिंदगी; खुदा करे आपके पास हमेशा वही इंसान रहे। शुभ दिन।
एक जमाना था जब सुबह-सुबह "कुकड़ू कु" करके, मुर्गे हमें जगाते थे! एक आज का जमाना देखो, हम मैसेज करके मुर्गों को जगाते हैं! शुभ दिवस!
आई है सुबह वो रोशनी लेके; जैसे नए जोश की नयी किरण चमके; विश्वास की लौ सदा जला के रखना; देगी अंधेरों में रास्ता आपको दीया बनके! शुभ दिवस!
हवाओं के साथ एक फरमान भेजा है; सूरज की किरणों के साथ एक पैगाम भेजा है; घर गया चाँद और छुप गए सितारे; हो गई है सुबह अब उठ जाओ प्यारे; हमने मैसेज के जरिये दिल से सलाम भेजा है! शुभ दिवस!
दोस्ती कोई खोज नहीं होती; यह हर किसी से हर रोज नहीं होती; अपनी जिंदगी में हमारी मौजूदगी को बेवजह मत समझना; क्योंकि, पलके कभी आँखों पर बोझ नहीं होती! शुभ दिवस!
कदम कदम पर बहारों ने साथ छोड़ दिया; पड़ा जब वक़्त तो अपनों ने साथ छोड़ दिया; कसम खाई थी इन सितारों ने साथ देने की; सुबह होते ही सितारों ने भी साथ छोड़ दिया! शुभ दिवस!
कितनी प्यारी सी सुबह है; हर पल किरणों से सजा है; सूरज का नया सा अंदाज़ हो गया है; उठो, रहमतों का आग़ाज़ हो गया है! शुभ दिवस!
वादियों से सूरज निकल आया है; फिजाओं में नया रंग छाया है; खामोश क्यों हो, अब तो मुस्कुराओ; आपकी मुस्कान को ही देखने; तो ये सूरज निकल आया है! शुभ दिवस!
आपका 'मुस्कुराना' हर रोज़ हो; कभी चेहरा 'कमल' तो कभी 'रोस' हो; 100 पल 'ख़ुशी', 1000 पल 'मोज' हो; बस ऐसा ही दिन आपका हर `रोज़` हो! शुभ दिवस!