किट-किट की आवाज़ आ रही थी। पत्नी: देखो जी, चूहे कपड़े कुतर रहे हैं। पति (कांपते हुए): सारी रजाई जो तुने खींच ली, मेरे ही दाँत किटकिटा रहे हैं।
इतनी ठण्ड में आधी रात को बाथरूम जाने के लिए गर्म रज़ाई से बाथरूम तक का सफर किसी 'मिनी वनवास' से कम नहीं होता है।
नहाना मेरे समझ से परे है। जिस शब्द के आगे "न" और पीछे "ना" है तो घरवाले बीच में "हाँ" करवाने पर क्यों तुले हुए हैं?