कहा ये किसी ने कि फूलों से दिल लगाऊं मैं; अगर तेरा ख्याल न सोचूं तो मर जाऊं मैं; माँग ना मुझसे तू हिसाब मेरी मोहब्बत का; आ जाऊं इम्तिहान पे तो हद से गुज़र जाऊं मैं।
कभी ना गिरना कमाल नहीं; बल्कि गिरकर संभल जाना कमाल है; किसी को पा लेना मोहब्बत नहीं; बल्कि किसी के दिल में जगह बनाना कमाल है।
जज़्बात बहक जाते हैं जब तुमसे मिलते हैं; अरमान मचल जाते हैं जब तुमसे मिलते हैं; आँखों से आँखें, हाथों से हाथ मिल जाते हैं; दिल से दिल, रूह से रूह मिल जाती है, जब तुमसे मिलते हैं।
सिर्फ इतना ही कहा है कि प्यार है तुमसे; जज़्बातों की कोई नुमाईश नहीं की; प्यार के बदले सिर्फ प्यार माँगा है; इससे ज्यादा तो कभी कोई गुज़ारिश नहीं की।
ना तसवीर है तुम्हारी जो दीदार किया जाये; ना तुम हो पास जो प्यार किया जाये; ये कौन सा दर्द दिया है तुमने ऐ सनम; ना कुछ कहा जाये, ना तुम बिन रहा जाये।
तू ही बता दिल कि तुम्हें समझाऊं कैसे; जिसे चाहता है तू उसे नज़दीक लाऊँ कैसे; यूँ तो हर तमन्ना हर एहसास है वो मेरा; मगर उस एहसास को ये एहसास दिलाऊं कैसे।
वो करते हैं बात इश्क़ की; पर इश्क़ के दर्द का उन्हें एहसास नहीं; इश्क़ वो चाँद है जो दिखता तो है सबको; पर उसे पाना सब के बस की बात नहीं।
जीने की उसने हमे नई अदा दी है; खुश रहने की उसने दुआ दी है; ऐ खुदा उसको खुशियाँ तमाम देना; जिसने अपने दिल मे हमें जगह दी है।
सितम को हमने बेरुखी समझा; प्यार को हमने बंदगी समझा; तुम चाहे हमे जो भी समझो; हमने तो तुम्हे अपनी ज़िंदगी समझा।
बात करने से पहले सोचता हूँ क्या कहना है; बात होने के बाद फिर कुछ कहना रह जाता है; अगर होता है इतना खूबसूरत ये प्यार; तो फिर क्यों अक्सर ये अधूरा रह जाता है।
इश्क़ ने हमें बेनाम कर दिया; हर ख़ुशी से हमें अंजान कर दिया; हमने तो कभी नहीं चाहा कि हमें भी मोहब्बत हो; लेकिन आप की एक नज़र ने हमे नीलाम कर दिया।
मेरा हर पल आज खूबसूरत हैं; दिल में जो सिर्फ तेरी ही सूरत है; कुछ भी कहे ये दुनिया ग़म नहीं; दुनिया से ज्यादा हमें तेरी ज़रूरत है।