चार कोनों का नगर बना; चार कुँए बिन पानी; चोर 18 उसमे बैठे लिए एक रानी; आया एक दरोगा, सब को पीट-पीट कर कुँए में डाला। बताओ क्या?
सुबह आता शाम को जाता, दिनभर अपनी चमक बरसाता; समस्त सृष्टि को देता वैभव,इसके बिना नहीं जीवन संभव। बताओ क्या?