भिखारी: मैं बहुत लाचार हूँ, कुछ खाने को दे दीजिये। जीत्तो: हट्टे-कट्टे तो दिख रहे हो, हाथ पैर भी सलामत हैं फिर लाचार किस लिए हो? भिखारी: जी, अपनी आदत से।
जीतो: मैं सोच रही हूँ अपने पति को तलाक दे दूँ बड़ा परेशान कर दिया है उसने। प्रीतो: तो फिर सोच क्या रही है दे दे। जीतो: पर फिर सोचती हूँ कि जब मैं उससे इतनी नफरत करती हूँ तो उसको इतना बड़ा ख़ुशी का तोहफा कैसे दे दूँ।
डाकू जीतो से बोला,"ये सारे जेवर मुझे दे दे।" जीतो: ले, ये ले पायल ले, झुमका ले, चूड़ी ले, चेन ले सबकुछ ले ले और; . . . . . . "खुसरा बन जा कुत्ते।"
जीतो: भैया आज समोसे अच्छे नहीं बने, कल वाले अच्छे थे। समोसे वाला: बहन जी, क्या बात कर रहीं हैं आप, ये कल वाले ही तो हैं।
जीतो: डॉक्टर साहब मेरे पति को आप मेरे पास बुला दो। डॉक्टर: आप चिंता ना करें मैं शरीफ आदमी हूँ। जीतो: आप तो शरीफ हैं पर बाहर आपकी नर्स अकेली है और मेरे पति शरीफ नहीं हैं।
जीतो: मेरे ख्याल से मेरी बेटी का किसी से चक्कर चल रहा है। प्रीतो:तुम्हें कैसे पता चला? जीतो: क्योंकि वो कुछ दिन से खर्चे के लिए पैसे नहीं मांग रही।
डॉक्टर: बच्चे को पानी देने से पहले उबाल लेना चाहिए। जीतो: लेकिन डॉक्टर उबालने से बच्चा मर नहीं जायेगा क्या?
जीतो: तुमने आखिर क्या देखकर अपने नौकर से शादी कर ली? प्रीतो: दरअसल वह बहुत बदतमीज हो गया था और मैं उसे सबक सिखाना चाहती थी।
जीतो ने सुहागरात पर प्रीतो का हाल जान ने के लिए उसे फ़ोन किया। जीतो: "क्या चल रहा है बेबी?" प्रीतो उदास होते हुए बोली, "यार, वो मेरे करीब आने लगे तो मैंने कहा क्या कर रहे हैं? तब से उन्होंने मुझे पोगो देखने के लिए बैठाया हुआ है।"
जीतो: तुमने तो कहा था कि तु्म्हारी पार्टी में खाने के लिए बहुत सारी चॉइस होगी, पर तुमने तो बस एक सब्जी बनवाई है। प्रीतो: चॉइस तो फिर भी है, खाना है तो खाओ वरना मत खाओ।
जीतो: वह कौन सी चीज़ है जो तुम्हारी नज़रों के सामने होते हुए भी तुम्हारी पहुँच से दूर है। संता ने लंबी सांस ली और बोला, "पड़ोसन।"