फूल बनके खुशबु फैलना ही है ज़िंदगी; हर दर्द को हँसी में छुपा लेना ही है ज़िन्दगी; ज़िंदगी में जीत मिली तो क्या हुआ; हार कर भी ख़ुशी जताना ही है ज़िंदगी।
ज़िंदगी बहुत कुछ सिखाती है, कभी हँसाती है कभी रुलाती है; पर जो हर हाल में खुश रहते हैं, ज़िंदगी उनके आगे सिर झुकाती है।
सपना ऐसा देखो कि आसमान तक जा सको; दुआ ऐसी करो कि खुदा को पा सको; यूँ तो ज़िंदगी जीने में बहुत कम पल हैं; पर जियो तो ऐसे कि हर पल में ज़िंदगी पा सको।
ज़िंदगी ज़ख्मों से भरी है, वक़्त को मरहम बनाना सीख लो; हारना तो है ही मौत के हाथों एक दिन, फिलहाल ज़िंदगी को जीना सीख लो।
ज़िंदगी जाने कितने मोड़ लेती है; हर मोड़ पर नए सवाल देती है; तलाशते रहते हैं हम जवाब ज़िंदगी भर; और जब जवाब मिल जाये तो ज़िंदगी सवाल बदल देती है।
जिदंगी तेरे ख्वाब भी कमाल के है। तू गरीबों को उन महलों के सपने दिखाती है; जिसमें अमीरों को नींद नहीं आती।
जाने कौन सा तराना है ये ज़िन्दगी; बिना बात का फ़साना है ये ज़िन्दगी; एक अरस गुज़र गया पत्तों के साथ गिरे हुए; पर आज भी उम्मीद का खज़ाना है ज़िन्दगी!
जिंदगी जीना आसान नहीं होता; बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता; जब तक न पड़े हथोड़े की चोट; पत्थर भी भगवान नहीं होता।
ज़िंदगी छोटी नहीं होती बस हमारी ख्वाहिश बढ़ जाती है; उसी तरह कोई बुरा नहीं होता, बस हमारी सोच बदल जाती है।
ना किसी के 'आभाव' में जियो, ना किसी के 'प्रभाव' में जियो; ये जिंदगी आपकी है, बस इसे अपने मस्त 'स्वाभाव' में जियो।
कभी-कभी ज़िंदगी में ये तय करना बड़ा मुश्किल हो जाता है कि गलत क्या है? वो झूठ जो चेहरे पे मुस्कान लाए; या वो सच जो आँखों में आंसू लाए।
ज़िंदगी गुरु से ज्यादा सख्त होती है; गुरु सबक देकर इम्तिहान लेता है और ज़िंदगी इम्तिहान लेकर सबक देती है।