दीपक में अगर नूर ना होता; तन्हा दिल यूँ मजबूर ना होता; मैं आपको "ईद मुबारक" कहने जरूर आता; अगर आपका घर इतना दूर ना होता। ईद मुबारक!
सूरज की किरणें तारों की बहार; चाँद की चाँदनी अपनों का प्यार; हर घड़ी हो ख़ुशहाल; उसी तरह मुबारक हो आपको ईद का त्योंहार। ईद मुबारक!
ज़िन्दगी का हर पल खुशियों से कम न हो; आप का हर दिन ईद के दिन से कम न हो; ऐसा ईद का दिन आपको हमेशा नसीब हो; जिसमें कोई दुःख और कोई गम न हो! ईद मुबारक!
दिए जलते और जगमगाते रहें; हम आपको इसी तरह याद आते रहें; जब तक जिंदगी है ये दुआ है हमारी; आप ईद के चाँद की तरह जगमगाते रहें। ईद मुबारक!
चुपके से चाँद की रोशनी छू जाये आपको; धीरे से ये हवा कुछ कह जाये आपको; दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से; हम दुआ करते हैं वो मिल जाये आपको। ईद मुबारक!
सदा हँसते रहो जैसे हँसते हैं फूल; दुनिया के सारे गम तुम्हें जायें भूल; चारो तरफ फैलाओ खुशियों के गीत; इसी उम्मीद के साथ यार तुम्हें मुबारक हो ईद। ईद मुबारक!
तू मेरी दुआओं में शामिल है इस तरह; फूलों में होती है खुशबु जिस तरह; अल्लाह तुम्हारी जिंदगी में इतनी खुशियाँ दे; ज़मीन पर होती है बारिश जिस तरह। ईद मुबारक!
हर ख़्वाहिश हो मंज़ूर-ए-खुदा, मिले हर कदम पर रज़ा-ए-खुदा; फना हो लब्ज-ए-गम यही है दुआ, बरसती रहे सदा रहमत-ए-खुदा! ईद मुबारक!
मुबारक हो आपको खुदा की दी हुई यह ज़िंदगी, खुशियों से भरी रहे आपकी ज़िंदगी; गम का साया कभी आप पर न आए, दुआ है यह हमारी, आप सदा यूं ही मुस्कुराएं! ईद मुबारक!
सिर झुकाने से सुकून मिलता है, इबादत से चेहरे पे नूर खिलता है, कोई खाली नहीं लौटा, कभी आपके दर से, वो अल्लाह ही है जो हर दुआ क़ुबूल करता है। ईद उल-फ़ित्र मुबारक!
थोड़ी सी इबादत बहुत सा सिला देती है, गुलाब की तरह चेहरा खिला देती है; अल्लाह की याद को दिल से जाने ना देना, कभी-कभी छोटी सी दुआ अर्श हिला देती है! अल्लाह को चाहने वाले सभी लोगों को ईद उल-फ़ित्र मुबारक!
हर बार की तरह इस बार भी 'आंसू' बहाऊंगा; तुम मुझसे दूर हो तो मैं कैसे ये 'ईद' मनाऊंगा; एक तरफ 'ईद' की ख़ुशी और एक तरफ 'तेरा' गम; छोड़ी है बात 'तुम' पे तुम ही 'जानों;' मैं अपने अंदर के जख्म 'किसी' को ना दिखाऊंगा। ईद मुबारक!