संता: मेरी पत्नी को सरकार में मंत्री होना चाहिए... वह 'बेकारी' दूर करने में बहुत काबिल है। बंता: वो कैसे? संता: वह हर रोज़ मेरे लिए कम से कम 4-5 नए काम निकाल देती है!
बंता: लड़कों का दिल बड़ा होता है या लड़कियों का? संता: लड़को का! बंता: वो कैसे? संता: जब कोई लड़की नंबर देती है, तो कहती है कि "यह किसी और लड़के को नहीं देना" और जब कोई लड़का नंबर देता है, तो कहता है कि "ये तुम्हारी सभी सहेलियों को भी दे देना!"
बंता: कल मेरी गर्लफ्रेंड का जन्मदिन है, उसे क्या गिफ्ट दूँ? संता: अपना दे दे। बंता: मज़ाक मत कर यार, कोई बड़ी चीज़ बता? संता:तो मेरा दे दे।
बंगाली: हमारी भाषा मधुर है, हम सभी को विनम्रता से बुलाते हैं, मिथुन दा, बप्पी दा, प्रणब दा। संता: लो जी, हमारी भी वही है, भूतनी दा, तेरी बहन दा, तेरी माँ दा। बोलो तारा रा रा!
संता विदेश से काफी समय के बाद अपने देश लौटा तो मिट्टी उठाकर बोला: अब अपने वतन की मिट्टी की खुशबु वो नहीं रही। बंता: ओह जी, "आपने मिट्टी नहीं, टट्टी उठा ली है।"
संता जीतो के साथ सेक्स करने जा रहा था तो लाइट चली गई। संता: उफ़, आज ये कंडोम इतना टाइट और छोटा कैसे हो गया है? जीतो गुस्से में बोली, "अरे, ये कंडोम नहीं है, बच्चे की दूध की बोतल (bottle) का निप्पल है।"
संता शादी के बाद सुहागरात के लिए कमरे में गया। उसकी पत्नी, जीतो आराम से बेड पर बैठी थी। संता "कैडबरी चॉकलेट" निकालकर अपने औज़ार पर लगाने लगा। जीतो ये देखकर बोली, "क्या कर रहे हो?" संता: शुभ काम करने से पहले कुछ मीठा हो जाये।
संता को चोट लगी और घाव गहरे थे। वह घर गया और जीतो के बूब्स पर हल्दी लगाने लगा। जीतो बोली, "ये क्या कर रहे हो?" संता बोला, "जानू, डॉक्टर ने हल्दी वाला दूध पीने को कहा है।"
बंता: सेक्स करने से पहले आदमी औरत के निप्पल्स को क्यों लेता है? संता: क्योंकि नाग को उठाने के लिए दूध पिलाना ज़रूरी है।
बंता: आज तेरी दीदी काम में व्यस्त है, तू ही चिंटू को दूध पिला दे। साली: मुझे दूध ही नहीं आता। बंता: कमाल है, दिखने में तो बहुत बड़ा है और भण्डार (स्टॉक) में कुछ भी नहीं।
संता अपनी साली के साथ काम करने के बाद बोला, "तुम अपनी दीदी से ज्यादा मज़ा देती हो"। साली उदास होते हुए बोली, "देखिये न जीजा जी, फिर भी मेरे पति कहते हैं कि तुम्हारी दीदी ज्यादा मज़ा देती है"।
संता और जीतो मजे से ज़ोरदार सैक्स कर रहे थे। सैक्स करते-करते जीतो बोली, "आ आ आह जानू, आज इतनी देर क्यों लगा रहे हो?" संता: क्या करूं? कोई ख़ूबसूरत चेहरा आँखों के सामने ही नहीं आ रहा।