Funny Jokes

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3 ईडियट (पार्ट 2) रैंचो क्लास में मुस्कुराता रहता है। टीचर—” आप मुस्कुरा क्यूँ रहे हो ? ” रैंचो—” आज पहली बार फेसबुक में अकाउंट बनाया है। बहुत मजा आ रहा है। ” टीचर—” ज्यादा मजा लेने की जरूरत नहीं है। ये बताओ पोस्ट (post) किसे कहते हैं ? ” रैंचो—” वो सबकुछ जो फेसबुक में भेजते है post कहलाती है। ” टीचर—” ज़रा विस्तार से समझाओगे। ” रैंचो—” सर, जो भी लोग फेसबुक पर डालते हैं, वो post है। घूमने गए, फोटो डाल दिया–post है, मैच देखा, स्कोर डाल दिया–post है, सर। सर, एक्चुली हम post से घिरे हुए हैं। कैटरीना की पिक से रोनाल्डो की किक तक, सब कुछ post है, सर। एक सैकेंड में कमेन्ट, एक सैकेंड में लाइक। . कमेन्ट–लाइक…. कमेन्ट–लाइक…. कमेन्ट–लाइक….” टीचर—” शट अप। अकाउंट बनाके ये करोगे। कमेन्ट-लाइक…..कमेनȁ0
94dट-लाइक ? हाँ…चतुर तुम बताओ। ” चतुर—” पिक्चर्स, टेक्स्ट आर वीडियोज पोस्टेड थ्रू मोबाइल आर टैबलेट आर लैपटाप आर डेस्कटाप वाया डिफरेंट आपरेटिंग सिस्टम्स यूजिंग इंटरनेट ऑन फेसबुक इज काल्ड ए पोस्ट। ” टीचर—” एक्सीलेंट ! ” रैंचो—” पर सर, मैंने भी तो वही बोला, सीधे सादे शब्दों में। ” टीचर—” सीधे सादे शब्दों में करना है, तो ऑर्कुट या ट्विटर के पेजेस पे एकाउंट बनाओ। ” रैंचो—” लेकिन सर, दुसरे साइट्स भी तो…..” टीचर—” गेट आउट ! ” रैंचो—” क्यों, सर ? ” टीचर—” सीधे शब्दों में, बाहर जाइए। ” (रेंचो, बाहर जाता है और फिर लौट कर आता है।) टीचर—” क्या हुआ ? ” रैंचो—” कुछ भूल गया था, सर। ” टीचर—” क्या ? ” रैंचो—” ए यूटिलिटी बटन गिवन टू अस, टू प्रोटेक्ट अवर प्राइवेट डाटा, पिक्चर्स, मैसेजेस आर पर्सनल इनफार्मेशन फॉर बींग स्टोलन आर यूज्ड फॉर बेड परपज बाय हैकर्स आर एनीवन एल्स…..” टीचर—” अरे, कहना क्या चाहते हो ? ” रैंचो—” लॉगआउट सर, लॉगआउट करना भूल गया था। ” टीचर—” तो सीधा, सीधा नहीं बोल सकते थे ? ” रैंचो—” थोड़ी देर पहले कोशिश की थी सर, लेकिन आप को पसंद नहीं आया। “

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किचन कालिंग(एक व्यंग्य)
सुबह से लेकर शाम तक, शाम से लेके रात तक, रात से फिर सुबह तक……..

सच में ऐसा लगता है, किचन और खाना के अलावा ज़िन्दगी में कुछ और है ही नही। हर औरत की दुविधा, कब और क्या बनाना है। कभी कभी लगता हैं खुद को ही पका डालू।सॉरी । ऐसा बोलना नही चाहती पर ऐसा ही लगता है।

ऐसा नही की मुझे खाना बनाना पसंद नही। मुझे खाना बनाना बहुत पसंद है, और लोग कहते है कि मै बहुत टेस्टी खाना बनाती हूँ। पर हर चीज़ की हद होती है। अगर 24 घंटे में 8 घंटे भी किचन में रहना पड़े तो कैसा लगेगा?

हमारे यहाँ तोरू परवल कोई नही खाता। बैगन गोबी पसंद नही। करेले से तो एलर्जी है। तो क्या रहा? आलू और भिंडी।पापा डाईबेटिक पेशेंट है, इसलिए आलू अवॉयड करते हैं।

पति को छोले पनीर पसंद है, पापा को भाती नही। पापा को मंगोड़ी पापड़ पसंद हैं, पति ने आज तक चखा नही।

अब हमारी प्यारी माताजी।दांतों का इलाज चल रहा हैं। चावल खिचड़ी उपमा, उनको भाता नही। बचा बिचारा दलिया। उसके साथ भी kdi और आलू चाइए।

अब क्या ,आज 10 दिन हो गए, पूरे घर को kdi आलू खिला रही हूँ।

अब सुनो ये रात से सुबह तक के किस्से। कभी रात 12 बजे दही ज़माना याद आता हैं। कभी रात के 1 बजे चने भिगोने।कभी 2 बजे लगता है कहीं किचन की मोटर तो ओंन नही। कभी 3 बजे फ्रीजर से बोतल निकालना। 4 बज गए तो दही अंदर रख दु नही तो खट्टा हो जाएगा।

क्या करूँ मैं और मेरे जैसी बिचारिया।

ये किचन कालिंग यही खत्म नही होता। बच्चे 7 बजे दूध पीते है, माँ पापा 8 बजे चाय। पति देव 9 बजे कॉफ़ी।

बच्चे 10 बजे नास्ता करते है, पति 11 और माँ 12।

सासु माँ 2 बजे लंच करती हैं । बच्चे 3 बजे। थैंक्स गॉड, इनका और पापा का लंच पैक होता हैं।

डिनर की तो पूछो मत। बच्चे 8 बजे। पापा 9 बजे। माँ 10 बजे और पति देव 11 बजे।

12 से 4 की कहानी तो मैं पहले ही सुना चुकी हूँ।

सच बोलू तो ये कोई व्यंग्य नही है। मेरी ज़िंदगी की हकीकत हैं।
पहले पहले तो रोती थीं, ये सब अखरता था, सारा दिन चिड़चिड़ी रहती थी।
फिर किसी ने मुझे समझाया, जो चीज़ हम बदल नही सकते,
उसे accept करो और enjoy करो।इसलिए अब इसे व्यंग्य के रूप में बता कर हँस लेती हूँ और हँसा देती हूँ।

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