माँ-बाप कितनी मन्नतें की, दर दर की ठोकरें खायी कि एक बेटा हो जाये और... . . . . . . . . वो हरामखोर Facebook पे 'Angel Priya' बना बैठा है।
फेसबुक वह जगह है, जहाँ चूहे को देखकर हवा टाइट हो जाने वाले भी अपनी हॉबीज मेंAdventure Sports लिखते हैं।
ये तो अच्छा हुअा कि 1947 में WhatsApp और FB नहीं था, वरना कोई भी जंग ए अाज़ादी के लिए मैदान में नहीं उतरता और घर बैठे WhatsApp और FB पर ही लिखा करता कि... इसको इतना शेयर करो कि अंग्रेज हिंदुस्तान छोड़ कर भाग जाए।
जो फेसबुक ने अधिकतम 5000 फ्रेंडस की सीमारेखा ना बनाई होती... तो कई फेसबुकिये आज अपनी प्रोफाइल को एक स्वतन्त्र राष्ट्र घोषित कर देते।