इस अहद में इलाही

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इस अहद में इलाही..
इस अहद में इलाही मोहब्बत को क्या हुआ
छोड़ा वफ़ा को उन्ने मुरव्वत को क्या हुआ
उम्मीदवार वादा-ए-दीदार मर चले
आते ही आते यारों क़यामत को क्या हुआ
बख्शिश ने मुझ को अब्र-ए-करम की किया ख़िजल
ए चश्म-ए-जोश अश्क-ए-नदामत को क्या हुआ
जाता है यार तेग़ बकफ़ ग़ैर की तरफ़
ए कुश्ता-ए-सितम तेरी ग़ैरत को क्या हुआ

This is a great तेरी आँखे शायरी. If you like क़यामत शायरी then you will love this. Many people like it for क्या कहु शायरी.

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