शायद कुछ दिन और लगेंगे

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शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में
जो अक्सर याद आते थे, वो कभी-कभी याद आते हैं

This is a great अक्सर शायरी. If you like शायद शायरी then you will love this.

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