बहुत जी चाहता है कैद​-​ए​-​जाँ से हम निकल जायें​

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बहुत जी चाहता है कैद​-​ए​-​जाँ से हम निकल जायें​;
तुम्हारी याद भी लेकिन इसी मलबे में रहती है

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