तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम

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तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम
ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे-दिली से हम

This is a great ज़िंदगी की शायरी.

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