तकदीरें बदल जाती है

SHARE

तकदीरें बदल जाती है, जब ज़िन्दगी का कोई मकसद हो
वरना ज़िन्दगी तो कट ही जाती है, तकदीर को इल्जाम देते देते

This is a great ज़िन्दगी और मौत शायरी. If you like तकदीर की शायरी then you will love this. Many people like it for इल्जाम पर शायरी. Share it to spread the love.

SHARE