2 Line Shayari, Jiska milna muqaddar mein

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जिनका मिलना मुकद्दर मे लिखा नही होता.
उनसे मुहबत कसम से कमाल की होती है ।

तेरे बाद हमने इस दिलका दरवाज़ा खोला ही नही
“वरना” बहुत से चाँद आये इस घर को सजाने के लिए.

आज़ाद कर दूंगा तुमको अपनी मुहब्बत की क़ैद से
करे जो हमसे बेहतर तुम्हारी क़दर पहले वो शख्स तो ढूँढो.

आप जब तक रहेंगे आंखों में नजारा बनकर.
रोज आएंगे मेरी दुनिया में उजाला बनकर.

नहीं अब जख़्म कोई ग़हरा चाहिये.
बस तेरी दुआओं का पहरा चाहिये

जहर से खतरनाक है यह मोहब्बत
जरा सा कोई चख ले तो मर मर के जीता है

सारा झगड़ा ही ख्वाहिशो का है
ना गम चाहिए ना कम चाहिए..!!

गुमनामी का अँधेरा कुछ इस तरह छा गया है.
की दास्ताँ बन के जीना भी हमे रास आ गया है

जिसकी वजह से मेंने छोड़ी अपनी साँस.
आज वो ही आके पूछती हे किसकी हे ये लाश।

मोहब्बत नही थी तो एक बार समझाया तो होता.
बेचारा दिल तुम्हारी खामोशी को इश्क़ समझ बैठा

This is a great बहुत अच्छी शायरी. If you like अजीब दुनिया शायरी then you will love this. Many people like it for अपनी पहचान शायरी.

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